Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

बारिश में बढ़े फॉल्ट: 6 करोड़ की लागत से बने नए GSS भी साबित हो रहे नाकाम

करोड़ों का खेल: निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावे फेल, बारिश में बार-बार आ रहा फॉल्ट: विद्युत कटौती से हजारों उपभोक्ता आहत

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
ElectricityFault
चौमूं के वीर हनुमान मार्ग पर बना जीएसएस।

चौमूं में निर्बाध बिजली आपूर्ति के उद्देश्य से करीब 2 साल पहले 6 करोड़ रुपए की लागत से 2 नए ग्रिड सबस्टेशन (GSS) तैयार किए थे। इसके साथ ही आरडीएसएस योजना के तहत 23 नए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए थे, लेकिन बारिश का मौसम आते ही शहर के कई इलाकों में बार-बार फॉल्ट की समस्या सामने आने लगी है, जिससे हजारों उपभोक्ता घंटों तक बिजली के इंतजार में रहते हैं। जानकारी अनुसार शहर में चार प्रमुख GSS हैं… वीर हनुमान मार्ग, भोजलवा रोड, खादी बाग और रेनवाल रोड स्थित पीपाड़ी जीएसएस। इनमें से वीर हनुमान मार्ग और भोजलवा रोड के GSS हाल ही में बनाए गए थे, ताकि लोड और फॉल्ट की समस्याओं से राहत मिल सके, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।

बारिश में बिजली बॉक्स में भरा पानी
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बारिश के दौरान बिजली बॉक्स में पानी भरने जैसी वजहों से बार-बार फॉल्ट हो रहे हैं। 20 अगस्त को जयपुर रोड पर भूमिगत लाइन में फॉल्ट के कारण 12 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही थी। अगले ही दिन गणगौरी पार्क क्षेत्र में 3 घंटे बिजली बंद रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेंटेनेंस और विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, इसके बावजूद समस्याएं जस की तस हैं। कई उपभोक्ताओं ने विद्युत निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए जवाबदेही तय करने की मांग की है।

23 फीडरों पर एक जेईएन
शहर में इन 22 हजार उपभोक्ताओं के घरों में बिजली आपूर्ति के लिए निगम ने 23 फीडर संचालित कर रखे हैं। इनमें फॉल्ट, नए कनेक्शन सहित अन्य कार्यों की निगरानी निर्बाध बिजली आपूर्ति आदि को लेकर शहर में महज एक जेईएन है। इसके अलावा एफआरटी भी एक ही है। इससे तत्काल फॉल्ट समस्या से निजात पाना भी मुश्किल हो रहा है। हालांकि शहर में जेईएन का एक ही पद है, लेकिन लोगों ने जेईएन का एक और पद बढ़ाने की मांग की है।

आउटडोर बॉक्स हो रहे खराब
सूत्रों की मानें तो भूमिगत लाइनों में फॉल्ट आने की सबसे बड़ी समस्या आउटडोर बॉक्स के खराब होन से आ रही है। बारिश से बॉक्स में पानी घुस रहा और फॉल्ट आ जाता है। इधर, भूमिगत लाइन में फॉल्ट आसानी से मिल भी नहीं पाता है। इसे तलाशने को लेकर जयपुर से फॉल्ट लोकेटर मशीन बुलाई पड़ती है। जयपुर से मशीन के पहुंचने और तलाशने में घंटों तक संबंधित क्षेत्र में बिजली गुल रहती है। हालांकि हाल ही में फॉल्ट एवं लोड की समस्या को देखते हुए शहर में विभिन्न स्थानों पर आरडीएसएस योजना के तहत 30 नए ट्रांसफार्मर भी लगाए हैं।

इनका कहना है…
लोड की समस्या तो कम है। बारिश में बॉक्स वगैरह में पानी भरने से फॉल्ट की समस्या आती है। फिर भी समस्या निजात पाने का प्रयास जारी है।
-जीएल गुप्ता, अधिशासी अभियंता, खंड, चौमूं

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar