Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

थाली से गायब होती ‘काचरी’, फास्ट फूड के चलन से युवा पीढ़ी को नहीं आ रही रास

सेहत और स्वाद दोनों पर खतरा: कभी हर घर की पहचान रही देसी सब्जी अब बुजुर्गों की यादों में सिमटी

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Kachri disappearing from the plate
काचरी जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थ प्राकृतिक इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।

ग्रामीण इलाकों की पहचान और पारंपरिक देसी थाली का अहम हिस्सा रही काचरी और ग्वार फली की सब्जियां अब लोगों की रसोई से गायब होले लगी है। कभी खेतों में सहजता से उगने वाली और पोषक तत्वों से भरपूर काचरी अब न बाजारों में दिखती है और न ही नई पीढ़ी की थाली में। पहले यह हर घर की पसंदीदा सब्जी थी, मगर अब यह बुजुर्गों की यादों और कुछ घरों तक सीमित रह गई है। काचरी, जिसका वैज्ञानिक नाम माउस मेलन है, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होती है। यह पाचन के लिए लाभकारी और कई बीमारियों से सुरक्षा देने वाली देसी सुपरफूड मानी जाती है। बावजूद इसके, नई पीढ़ी इसका सेवन भूल चुकी है। फास्ट फूड और चाइनीज व्यंजनों की बढ़ती लोकप्रियता ने देसी स्वाद को धीरे-धीरे पीछे धकेल दिया है। पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार जंक फूड खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, जबकि काचरी जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थ प्राकृतिक इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।

कभी थी हर खेत की पहचान
बुजुर्ग बताते है कि पहले काचरी और ग्वार की फली खेतों में अपने आप उग आती थी। ग्रामीण इन्हें एकत्र कर सुखाकर सालभर उपयोग करते थे। इससे बनी चटनी और सब्जी हर भोजन में स्वाद बढ़ाने का काम करती थी। आज खेतों में आधुनिक खेती पद्धति और रासायनिक खादों के कारण देसी सब्जियों की प्राकृतिक पैदावार लगभग खत्म हो चुकी है।

औषधीय गुणों से भरपूर
काचरी में मौजूद औषधीय तत्व पेट दर्द, गैस और मोटापे जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार हैं। इसका पाउडर आज भी राजस्थानी व्यंजनों में स्वाद और स्वास्थ्य दोनों का संतुलन बनाए रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पारंपरिक फसलों को दोबारा उगाने और प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाए, तो न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि सेहतमंद खानपान की परंपरा भी फिर से लौट सकती है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar