Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

कैपिटल एक्सपेंडिचर बनाम उपभोग: भारत के बजट का असली गेमचेंजर!

भारत के केंद्रीय बजट 2025 ने उपभोग को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को प्राथमिकता देने के बीच के संतुलन को लेकर एक व्यापक बहस छेड़ दी है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

भारत के केंद्रीय बजट 2025 ने उपभोग को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को प्राथमिकता देने के बीच के संतुलन को लेकर एक व्यापक बहस छेड़ दी है। जहां कर राहत उपायों ने जनता का ध्यान आकर्षित किया है, वहीं गहराई से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि आर्थिक विकास का असली इंजन सरकार का बुनियादी ढांचे और दीर्घकालिक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर ध्यान केंद्रित करना है। बजट 2025 की सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक शून्य-कर स्लैब को 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करना था। इस उपाय के कारण सरकार को लगभग एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है। इस कर राहत से भारत के लगभग 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत मध्यम वर्गीय परिवारों की डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं, यात्रा, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट में खर्च बढ़ सकता है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस कदम से उपभोग में तेजी आ सकती है, जिससे किफायती आवास, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। साथ ही, इस अतिरिक्त धनराशि का कुछ हिस्सा वित्तीय बाजारों में भी प्रवाहित हो सकता है, जिससे निवेश और आर्थिक गतिविधियों को और गति मिलेगी।

यह भी पढ़ें : बीमा पॉलिसी पसंद नहीं आई, एक साल के अंदर कर सकेंगे वापस

कैपेक्स: मूक विकास इंजन

हालांकि कर राहत और उपभोग को बजट में प्रमुखता मिली है, लेकिन सरकार ने पूंजी निवेश के लिए 16 लाख करोड़ रुपए का भारी प्रावधान किया है, जो कर कटौती से हुए राजस्व नुकसान से 16 गुना अधिक है। 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय का आवंटन पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़ा है।

पूंजी निवेश के प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं:

  • रक्षा – 2.1 लाख करोड़ रुपए
  • रेलवे – 2.8 लाख करोड़ रुपए
  • सड़क एवं राजमार्ग – 2.8 लाख करोड़ रुपए
  • आवास और शहरीकरण – 2 लाख करोड़ रुपए
  • विद्युत क्षेत्र – 42,000 करोड़ रुपएसरकार की कैपेक्स रणनीति "अमृत काल" पहल के दूसरे चरण के तहत बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के 14 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत से 8 प्रतिशत करने के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगी।

यह भी पढ़ें : प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के उत्पादों ने बढ़ाई रौनक

भारत का बजट विकास: पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित

ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. विकास गुप्ता का कहना है िक पिछले एक दशक में, भारत सरकार ने पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि की है। 2015 में कुल बजट का 20 प्रतिशत होने से लेकर अब 2025-26 में यह 31 प्रतिशत तक पहुंच गया है। कैपेक्स बजट पिछले एक दशक में 15 प्रतिशत सीएजीआर और पिछले पांच वर्षों में 19 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ा है, जो राजस्व व्यय वृद्धि से कहीं अधिक है। इस खर्च प्राथमिकता में बदलाव सरकार की न्यूनतम नौकरशाही और अधिकतम बुनियादी ढांचा विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे सड़क, रेलवे और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करेगा।

यह भी पढ़ें : हाइवे पर बेमियादी चक्काजाम से थमे पहिए, आज शाम तक का अल्टीमेटम

भारी पूंजी निवेश के बीच वित्तीय अनुशासन

सरकार पूंजीगत निवेश को बढ़ाते हुए भी वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। महामारी के कारण िवत्त वर्ष 21 में भारत का राजकोषीय घाटा 9.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जिसे िवत्त वर्ष 23 में 6.4 प्रतिशत तक लाया गया और िवत्त वर्ष 26 तक इसे 4.4 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य है। बुनियादी ढांचे पर बड़े पैमाने पर खर्च के बावजूद, सरकार ने िवत्त वर्ष 26 के लिए उधारी स्तर को 15.68 लाख करोड़ रुपए पर स्थिर रखा है।

यह भी पढ़ें : भारतीय बाजारों से 1.5 महीने में 1 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके विदेशी निवेशक, जानिए क्यों?

क्षेत्र-वार पूंजीगत व्यय वृद्धि

कुछ प्रमुख क्षेत्रों में पिछले दशक में उल्लेखनीय पूंजीगत व्यय वृद्धि देखी गई है:

  • रेलवे: 20.5 प्रतिशत सीएजीआर, नई लाइनों, मेट्रो परियोजनाओं और रोलिंग स्टॉक में भारी निवेश
  • विद्युत: 21.4 प्रतिशत सीएजीआर, नवीकरणीय ऊर्जा पर बढ़ता ध्यान
  • आवास और शहरीकरण: 19.9 प्रतिशत सीएजीआर, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एवं ग्रामीण) जैसी सरकारी योजनाओं द्वारा प्रेरित
  • सड़क एवं राजमार्ग: 44.2 प्रतिशत सीएजीआर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में सतत निवेश

यह भी पढ़ें : FY 2025 में सब्सिडी पर खर्च हुए 3 लाख करोड़ रुपये, फूड में सबसे ज्यादा 50 फीसदी

कैपेक्स का गुणक प्रभाव

गुप्ता का कहना है िक सरकारी पूंजीगत निवेश का जीडीपी वृद्धि पर मजबूत गुणक प्रभाव पड़ता है। विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार, प्रत्येक इकाई पूंजीगत व्यय जीडीपी में 2.45 इकाई का योगदान देता है। इस अनुमान के अनुसार, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के तहत निष्पादित 56.3 ट्रिलियन रुपए की कैपेक्स से जीडीपी में लगभग 138 ट्रिलियन रुपए की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त अनुमानों के अनुसार, यदि भारत इसी मार्ग पर चलता रहा, तो केवल सरकारी पूंजीगत व्यय से 2030 तक देश की जीडीपी 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। निजी और राज्य निवेश को मिलाकर यह आंकड़ा 7 ट्रिलियन डॉलर तक जा सकता है।

यह भी पढ़ें : सुरंगों में रिसाव ठीक करने के लिए मरम्मत कार्य शुरू करेगा सीएमआरएल

संतुलित दृष्टिकोण

2025 का केंद्रीय बजट अल्पकालिक उपभोग और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा विकास, दोनों को संतुलित रूप से बढ़ावा देता है। कर राहत उपायों से जहां मांग को त्वरित रूप से बढ़ावा मिलेगा, वहीं पूंजी निवेश पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने से अगले दशक में भारत की आर्थिक वृद्धि को मजबूत आधार मिलेगा।िवत्त वर्ष 2026--िवत्त वर्ष 2030 के बीच जीडीपी में अनुमानित 200 से 250 ट्रिलियन रुपए की वृद्धि के साथ, भारत 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2047 तक "विकसित भारत" के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देकर, सरकार एक मजबूत और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की नींव रख रही है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar