Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

रियल एस्टेट की वापसी ने विद्युत निर्माण क्षेत्र को दी नई ऊर्जा

भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र आज एक सशक्त पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है, जिसका श्रेय निरंतर शहरीकरण, अनुकूल सरकारी नीतियों और उपभोक्ताओं के नए सिरे से बढ़े विश्वास को जाता है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र आज एक सशक्त पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है, जिसका श्रेय निरंतर शहरीकरण, अनुकूल सरकारी नीतियों और उपभोक्ताओं के नए सिरे से बढ़े विश्वास को जाता है। वैश्विक व्यवधानों और सतर्क निवेश भावना से भरे कुछ चुनौतीपूर्ण वर्षों के बाद, यह क्षेत्र अब नई ऊर्जा के साथ वापसी कर रहा है, जो शहरों को फिर से आकार दे रहा है और इससे जुड़ी कई अन्य इंडस्ट्रीज को भी गति प्रदान कर रहा है। इन्हीं में से एक है विद्युत निर्माण क्षेत्र, जो आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक: Apple Supplier का भारत में 1.12 लाख करोड़ का निवेश, चीन को बड़ा झटका

रियल एस्टेट और विद्युत निर्माण: गहराता संबंध

हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट चाहे वह आवासीय हो, वाणिज्यिक हो या औद्योगिक एक मजबूत विद्युत व्यवस्था पर निर्भर करता है। वायरिंग और केबलिंग से लेकर लाइटिंग, ऑटोमेशन सिस्टम और ऊर्जा दक्ष समाधानों तक, हर निर्माण का मूल आधार इलेक्ट्रिकल कॉम्पोनेंट्स होते हैं। जैसे-जैसे नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च हो रहे हैं और रुके हुए विकास कार्य दोबारा शुरू हो रहे हैं, गुणवत्तापूर्ण विद्युत उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। आवासीय प्रोजेक्ट्स, ऑफिस स्पेस, मॉल, अस्पताल और स्मार्ट सिटीज़ के बढ़ते स्तर ने विद्युत निर्माण उद्योग के सामने नए अवसर और विस्तार की संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। यह पुनरुत्थान केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है। टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तीव्र शहरीकरण और सरकार की स्मार्ट सिटीज़ मिशन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे पर बढ़ता ध्यान इस बाज़ार को और व्यापक बना रहा है। जैसे-जैसे डेवलपर्स स्मार्ट, ऊर्जा-कुशल और तकनीकी रूप से सक्षम स्थानों को विकसित करने पर ध्यान दे रहे हैं, विद्युत निर्माता भी नवाचार और उन्नयन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, ताकि वे नई पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।

यह भी पढ़ें : प्याज ने अब किसानों के निकाले आंसू, मंडियों में बिक रहा एक रुपए तक प्रति किलोग्राम

सौर ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रभाव

फिनोलेक्स केबल्स के सेल्स एंड मार्केटिंग, प्रेसिडेंट अमित माथुर का कहना है कि स्मार्ट लाइटिंग, होम ऑटोमेशन सिस्टम्स, ऊर्जा-कुशल पंखे और उपकरण, तथा स्मार्ट मीटरिंग समाधानों का अब नई निर्माण परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से समावेश हो रहा है। इसके साथ ही, ग्रीन बिल्डिंग्स और स्थायित्व पर बढ़ता ध्यान निर्माण परिदृश्य को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। डेवलपर्स और उपभोक्ता दोनों ऐसे विद्युत समाधान चाहते हैं जो ऊर्जा की खपत को कम करें, प्रदर्शन को बेहतर बनाएं और पर्यावरणीय प्रभाव को घटाएं। ऐसे में वैश्विक ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा मानकों के अनुरूप उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। जो निर्माता इन बदलती प्राथमिकताओं के अनुसार खुद को ढाल सकेंगे, वे आने वाले वर्षों में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करेंगे। हालांकि, इस वृद्धि के साथ चुनौतियाँ भी हैं। बढ़ती मांग के साथ गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा मानकों का पालन और भी आवश्यक हो गया है। जैसे-जैसे प्रोजेक्ट्स की जटिलता बढ़ रही है, उत्पादों का सुरक्षित और टिकाऊ होना उतना ही ज़रूरी हो गया है। इसके साथ ही, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी उत्पादन और लागत को प्रभावित कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : इन दो दिग्गज कंपनी के 17 हजार कर्मचारियों पर लटकी नौकरी की तलवार, वजह कर देगी हैरान

डिजिटल परिवर्तन और इंडस्ट्री 4.0 की आवश्यकता

एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है डिजिटल परिवर्तन को अपनाने की तत्परता। इंडस्ट्री 4.0 के सिद्धांतों को अपनाने से लेकर ग्राहकों के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संवाद बढ़ाने तक, यह क्षेत्र तेज़ी से बदलाव की मांग कर रहा है। अनुसंधान एवं विकास पर बल, ऑटोमेशन में निवेश और लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाना इस निरंतर वृद्धि के प्रमुख आधार स्तंभ होंगे।भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी विकास की प्रगति पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे रियल एस्टेट अपने विस्तार और परिष्कार में वृद्धि करता है, विद्युत निर्माण क्षेत्र इस परिवर्तन को ऊर्जा देने में एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा। यदि यह उद्योग नवाचार, गुणवत्ता और बाज़ार की ज़रूरतों के प्रति संवेदनशील बना रहे, तो यह न केवल घरेलू मांग को पूरा कर सकेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवा सकेगा।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar