AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर. नाहरगढ़ जैविक उद्यान रीवाइल्डिंग सेंटर की सौगात पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसे इस साल के अंत तक बनाए जाने का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में यह सौगात अधरझूल में नजर आ रही है। बीमार व घायल वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण देने और चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के लिए यह सौगात कब तक मिलेगी वन अधिकारियों के पास भी इसका जवाब नहीं है। नाहरगढ़ जैविक उद्यान में जयपुर के आसपास जंगल व अन्य जिलों से पैंथर, बाघ, भेड़िए, नील गाय समेत कई अन्य वन्यजीव रेस्क्यू कर लाए जाते हैं। इनमें कई बीमार,घायल होते हैं तो कई चोटिल हो जाते है। इस स्थिति में उन्हें रेस्क्यू सेंटर में रखा जाता है। जहां पहले से कई अन्य वन्यजीव भी प्रवास कर रहे हैं। इस स्थिति में उनके उपचार के दौरान दिक्कत होती है। इसका बड़ा कारण है कि रेस्क्यू के बाद लाए गए वन्यजीव प्राकृतिक माहौल से दूर होते ही सदमे में चले जाते हैं। इससे उन्हें स्वस्थ होने में अत्यधिक समय लगता है। साथ ही पहले से प्रवास कर रहे वन्यजीवों के कारण भी वे कई बार आक्रामक हो जाते हैं। उनका स्वभाव और दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाता है। इस कारण उन्हें स्वस्थ होने के बाद दोबारा जंगल में वापस छोड़ने में परेशानी होती है। इससे राहत दिलवाने के लिए सरकार ने इस साल जैविक उद्यान में रीवाइल्डिंग सेंटर की घोषणा की थी।
झरने, पहाड़, गुफा बनाए जाना प्रस्तावित
वन अधिकारियों के मुताबिक रेस्क्यू कर लाए गए वन्यजीव खुद को कैद में न समझे इसके लिए यहां पेड़-पौधे, झरने, पहाड़, गुफा, कुंड, तलाई इत्यादि बनाए जाना प्रस्तावित है। यहां क्वॉरंटीन सेंटर बनाने के साथ ही चिकित्सकीय सुविधाएं भी बढ़ेंगी। यहां इमरजेंसी वार्ड, सामान्य वार्ड, बच्चा वार्ड बनाया जाना है।
पांच हेक्टेयर भूमि में बनेगा
सामने आया कि नाहरगढ़ जैविक उद्यान और जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान दोनों में यह सौगात दी गई है। यहां करीब 5-5 हैक्टेयर भूमि में इसे अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से पूरिपूर्ण बनाया जाना प्रस्तावित है। इसमें 2-2 करोड़ रुपए खर्च होना संभावित है।
पक्षियों के लिए अलग सेक्शन
यहां रीवाइल्डिंग एनक्लोजर बनाए जाना प्रस्तावित था। इसके तहत रेस्क्यू में लाए जाने वाले वन्यजीवों को अलग से रखा जा सके। इससे उन्हें यहां पर जंगल का वातावरण मिल सके। खास बात है कि यहां जलचर, नभचर और थलचर जीवों के लिए भी अलग इंतजाम किए जाने थे। पक्षियों के लिए अलग से सेक्शन बनाए जाना प्रस्तावित है।
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Published on:
07 Nov 2023 02:01 pm


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