AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Merry Christmas 2025: दया, प्रेम और शांति का संदेश का संदेश देने वाले प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का पर्व क्रिसमस (Christmas 2025) आज मनाया जा रहा है। राजधानी जयपुर में पर्व की रंगत देखते ही बन रही है। घरों से लेकर गिरजाघरों में फर्रियों, लाइटिंग के साथ ही रंग बिरंगी रोशनी की जा रही है। शहर के कई चर्च अपनी भव्यता, इतिहास के लिए जाने जाते हैं।
ये गिरिजाघर सभी धर्मों के लोगों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए बनाए गए थे। पर्व की पूर्व संध्या पर गिरिजाघरों में मिडनाइट आराधना हुई। इस दौरान पर्व पर मोमबत्तियां जलाकर खुशियां मनाई गई। शहरभर से अन्य समाजजन भी सजावट देखने पहुंचे।
शुक्रवार सुबह से ही गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया है। कैरोल गायन के साथ ही पादरियों के विशेष संदेशों में प्रभु यीशु के संदेशों को आत्मसात करने का आह्वान जा रहा है।
घाटगेट स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च राजस्थान के सबसे पुराने और जयपुर के पहले गिरिजाघरों में से एक है। यह राजस्थान का पहला कैथोलिक चर्च है। इसका निर्माण 1871 के दशक में हुआ था।
जयपुर के पूर्व महाराजा की ओर से मिशिनरियों को दान की गई जमीन पर यह चर्च बनाया। पादरी बिशप ने बताया कि उस समय राजा हिंदू थे। उन्होंने उदारता दिखाते हुए मसीही समाजजनों के लिए यह पहल की। वर्तमान समय में यहां बिशप हाउस, कॉन्वेंट स्कूल भी है।
पादरी जिजो वर्गिस ने बताया कि जंतर-मंतर का निर्माण करने के लिए पूर्व महाराजा की ओर से एक पादरी को बुलाया गया था। उन्हें ज्योतिषी का भी ज्ञान था। पूर्व महाराजा की ओर से पादरी की सेवा से प्रसन्न होकर समाज के गठन के लिए उन्होंने घाटगेट में जगह दी।

इसके बाद जयपुर में पुर्तगाल सहित देशभर से मसीही समाजजन जयपुर आकर बसे। ब्रिटिश कर्नल, मेजर के सहयोग से गिरिजाघर बनाया गया। यहां बच्चों के लिए बपित्समा संस्कार के लिए खास 154 साल पहले कुंड बनाया गया है। राजस्थानी शैली के अनुरूप चित्रकारी और कलाकारी भी बेहद खास है।
जयपुर शहर के बीचों-बीच चांदपोल स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च की स्थापना स्कॉटिश मिशिनरियों ने की। 1917 में यह चर्च बना। चर्च का वास्तु स्कॉटिश शैली का है, जो यहां देखने वालों की आंखों को सुकून देने वाला है।
चर्च का डोम बिना किसी पिलर के बनाया, इसकी बनावट क्रास जैसी दिखती है। एक घड़ी चर्च टावर पर स्थापित है। पूर्व महाराजा माधोसिंह ने इसे स्कॉटलैंड से मंगवाया था। दो मंजिल जाकर हाथ से चाबी भरने के बाद यह घड़ी आज भी चालू है।
अशोक नगर में सेंट जेवियर्स चर्च स्थित है। 1994 में गिरिजाघर का उद्घाटन हुआ। जयपुर के कारीगरों ने गिरिजाघर के निर्माण का काम किया। जयपुर धर्म प्रांथ के सहयोग से चर्च का निर्माण हुआ। पादरी जयपाल ने बताया कि क्रॉस के रूप में इसकी झलक देखने को मिलती है।

एमआईरोड स्थित अमरापुर स्थान के पास स्थित ऑल सेंट्स चर्च की स्थापना 100 से अधिक साल पूर्व की गई थी। यह एंग्लों-इंडियन चर्च है। इसकी वास्तु कला में भारतीय और ब्रिटिश वास्तु कला का संगम है। यह चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के तहत काम करता है।
मानसरोवर शिप्रा पथ सेक्टर पांच स्थित मारथोमा चर्च की स्थापना केरल के मारथोमा ईसाईयों ने 1950 में की थी। मारथोमा ईसाई समुदाय रोजगार और शांति की तलाश में केरल से जयपुर आए थे। इसकी बनावट ब्रिटिश वास्तु कला पर आधारित है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
25 Dec 2025 11:46 am
Published on:
25 Dec 2025 11:39 am


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