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यूपी की अब तक की सबसे बड़ी GST फ्रॉड: 335 फर्जी फर्मों से 5478 करोड़ का कारोबार, SIT की जांच में सामने आया बड़ा घोटाला

GST fraud UP: मेरठ से शुरू होकर मुरादाबाद तक फैले इस जीएसटी फ्रॉड में 535 फर्मों की जांच के बाद करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। मास्टरमाइंड की डायरी से फर्जी फर्मों का पूरा नेटवर्क सामने आया, जिसे अब राज्य कर विभाग और एसआईटी मिलकर सुलझा रहे हैं।

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यूपी की अब तक की सबसे बड़ी GST फ्रॉड: Image Source - Pexels

GST Fraud in UP: उत्तर प्रदेश में जीएसटी चोरी का अब तक का सबसे बड़ा मामला उजागर हुआ है। मेरठ के कुख्यात मास्टरमाइंड इखलाक की डायरी में मिली 535 फर्मों की जांच पूरी कर ली गई है। राज्य कर विभाग ने जांच में पाया कि इनमें से 335 फर्जी फर्मों के जरिए 5478 करोड़ रुपये का फर्जी टर्नओवर बनाया गया और कुल 989 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। यह खुलासा उत्तर प्रदेश में टैक्स चोरी के नेटवर्क की गहराई और संगठित तरीके को सामने रखता है।

535 में से 200 फर्में निकलीं पूरी तरह फर्जी

जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि 535 फर्मों में से 200 पर किसी भी तरह का वास्तविक लेनदेन दर्ज नहीं किया गया था। इनमें न स्टॉक मिला, न परिवहन रिकॉर्ड और न ही किसी प्रकार का टैक्स भुगतान। एसआईटी द्वारा पकड़े गए सबूतों को राज्य कर विभाग को सौंपने के बाद अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में चार दिनों तक चली विशेष जांच में यह बड़ा खुलासा सामने आया।

देशभर में 5478 करोड़ का फर्जी कारोबार दिखाया गया

राज्य कर विभाग ने बताया कि ए.के. इंटरप्राइजेज से जुड़ी 335 फर्मों ने देश के अलग-अलग राज्यों में 5478.35 करोड़ का लेनदेन दर्शाया। इनमें 144 फर्मों की जांच पहले ही हो चुकी थी जबकि बाकी पर विस्तृत जांच ने पूरे नेटवर्क की संरचना उजागर कर दी। विभाग ने इसे भारत की अब तक की सबसे बड़ी जीएसटी चोरी में से एक बताया।

दिल्ली और गुजरात से सबसे अधिक कनेक्शन, बड़े व्यापारी भी संदेह में

जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि दिल्ली और गुजरात की कई बड़ी फर्मों ने इस नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए भारी टैक्स चोरी की। कई कंपनियों ने इन्हीं फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये के बिल बनाए और सरकार को भारी चूना लगाया। यह नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ था जिसकी परतें अब खुलने लगी हैं।

मुरादाबाद में दो ट्रकों की चेकिंग से खुली 144 फर्जी फर्मों की परत

मुरादाबाद में 24 और 25 अक्टूबर को राज्य कर विभाग ने लोहे से लदे दो ट्रक पकड़े। जांच में पता चला कि इन्हीं ट्रकों के जरिए जुड़े दो मोबाइल नंबरों पर 144 फर्जी फर्में पंजीकृत थीं। इन फर्मों के माध्यम से 400 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी की गई थी। इसी कार्रवाई से बड़ा नेटवर्क सामने आया और इसके बाद पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई।

एसआईटी की पूछताछ में इखलाक और उसके गिरोह की जड़ें आईं सामने

एसआईटी ने 22 नवंबर को मास्टरमाइंड इखलाक और उसके सहयोगी इत्तेहात आलम उर्फ दानिश कबाड़ी को गिरफ्तार किया। लेकिन अभी इस गिरोह के छह और प्रमुख सदस्य फरार बताए जा रहे हैं। इस मामले में दो FIR राज्य कर विभाग की ओर से और एक FIR लखनऊ में दर्ज है। कुल नौ कारोबारियों और दो फर्मों को नामजद किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान जारी रहेगा।

राज्य कर विभाग सतर्क, पूरे जाल को तोड़ने का दावा

अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 335 फर्मों की जांच में 989 करोड़ की जीएसटी चोरी का अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग एसआईटी के संपर्क में है और देशभर में फैले इस जाल को जल्द खत्म किया जाएगा। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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