AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Electricity Budget: दिल्ली में रेखा सरकार के अनुमान से ज्यादा से मुफ्त बिजली उपभोक्ता होने से सब्सिडी पर खर्च बढ़ गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में जीरो बिल वाले उपभोक्ताओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा हर साल सर्दियों में यह संख्या और बढ़ जाती है। आंकड़ों की मानें तो दिसंबर 2022 में जहां 31 लाख कनेक्शनों का बिजली बिल शून्य था, वहीं दिसंबर 2023 में यह संख्या बढ़कर 42 लाख हो गई। दिसंबर 2024 में यह आंकड़ा 45 लाख तक पहुंच गया, जबकि जनवरी 2025 में करीब 40 लाख उपभोक्ताओं बिजली बिल शून्य रहा। यही वजह है कि सरकार पर बिजली सब्सिडी का वित्तीय दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, दिल्ली में मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत साल 2015-16 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने की थी। उस समय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या करीब 52.62 लाख थी और सब्सिडी पर 1,442 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इसके बाद बीते एक दशक में उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 69 लाख हो गई है, वहीं सब्सिडी का खर्च भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुका है। अधिकारियों का अनुमान है कि अब यह खर्च 4,200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। सरकार संशोधित बजट के जरिए बिजली सब्सिडी के लिए आवंटन राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली उपभोक्ता (लगभग 83%) घरेलू हैं। सरकारी योजना के अनुसार, इन उपभोक्ताओं में से 200 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने वालों का बिजली बिल शून्य आता है। जबकि 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देती है, जिसकी अधिकतम सीमा 800 रुपये तय है। इसके अलावा 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पूरा बिल चुकाना होता है। दिल्ली में मुफ्त बिजली योजना पर बढ़ते खर्च को देखते हुए रेखा गुप्ता सरकार बिजली सब्सिडी के लिए आवंटित बजट में एक बार फिर इजाफा कर सकती है। मौजूदा वित्त साल में यह पहला मौका होगा, जब दिल्ली में बिजली सब्सिडी का खर्च 4,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रहा है। इसी वजह से सरकार शीतकालीन विधानसभा सत्र में बिजली विभाग का संशोधित बजट पेश कर सकती है।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने साल 2024-25 के लिए बजट में 3,849 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो पिछले साल यानी 2023-24 की तुलना में करीब 250 करोड़ रुपये ज्यादा था। इसके बावजूद अब यह राशि कम पड़ती दिख रही है। बिजली विभाग ने अतिरिक्त 361 करोड़ रुपये की मांग सरकार के सामने रखी है। इसीलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि साल 2025-26 के दौरान दिल्ली सरकार को बिजली सब्सिडी पर 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। अधिकारियों का कहना है कि मुफ्त बिजली योजना के तहत लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को किए जाने वाले जमा भुगतानों के कारण भी खर्च बढ़ा है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
15 Dec 2025 02:32 pm


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