Bhind. Malanpur Industrial Area
औद्योगिक इकाइयों की बिजली आपूर्ति 11 घंटे तक प्रभावित रही। हालांकि देर रात दूसरे 50 एमवीए के ट्रांसफार्मर से आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की गई, लेकिन पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली। ऐसे में आनन-फानन में शनिवार को कारखाना प्रबंधनों और बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें कम से कम 10 दिन आठ से 10 घंटे की कटौती एक फीडर पर करने की बात कहते हुए कारखाना प्रबंधनों से सहयोग मांगा गया है। खराब हुए ट्रांसफार्मर से औद्योगिक क्षेत्र के 15 से अधिक फीडर जुड़ते हैं। इन पर रात 12 बजे से आठ-आठ घंटे की बिजली कटौती रोटेशन के हिसाब से करने का शेड्यूल जारी किया गया है। फीडर क्रमांक पांच, छह (11 केवी), फीडर नंबर एक, दो एवं तीन आबादी के अलावा हरिराम की कुइया सब स्टेशन, फीडर नंबर नौ पर रात 12 से आठ बजे तक कटौती की जाएगी। जबकि सुबह आठ से शाम चार बजे तक फीडर नंबर तीन, 12 (एसआरएफ), शाम चार से रात 12 बजे तक फीडर नंबर 13, फीडर नंबर आठ स्विचयार्ड (स्विचयार्ड से 11 एवं 12 नंबर), फीडर नंबर 10 स्विचार्ड से फीडर 13, 14, 17 एवं 18 पर कटौती की जाएगी। उद्योग प्रबंधनों की बैठक में बिजली कंपनी के डीजीएम हरीश मेहता ने साफ कर दिया कि कारखाना प्रबंधन हमारे साथ सहयोग करें। कुछ कारखाना प्रबंधकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 10 दिन का कहा गया है, 15 दिन से ज्यादा समय लग सकता है। इस दौरान करोड़ों रुपए का नुकसान होगा।
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बिजली कंपनी के महाप्रबंधक बीआर पाराशर ने कारखाना प्रबंधनों के साथ बैठक में स्पष्ट कर दिया वैकल्पिक व्यवस्था होने में 10-15 दिन का समय लग सकता है, इस दौरान कारखाना प्रबंधक अपने कारखाने कम क्षमता पर चलाएं। कारखाना प्रबंधनों के साथ दुकानदारों एवं घरेलू कनेक्शन वालों को भी बिजली का प्रबंधन करने को कहा गया है। आपूर्ति बहाल बनाए रखने के लिए शैड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। बैठक में 40 कारखानों के प्रबंधक मौजूद रहे। दिलीप कर्वा, सुशांत तनेजा, योगेश ङ्क्षसह चौळान, दुर्गेंश एवं मनोज मिश्रा मौजूद रहे।
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अचानक बिजली आपूर्ति का शटडाउन हो जाने से हमारी कंपनी में तीन लाख का नुकसान एक दिन में हुआ है। इस स्थिति के लिए कोई पहले से तैयार नहीं था।
मुकुल चतुर्वेदी, जनरल मैनेजर, सूर्या रोशनी, मालनपुर
-बिना सूचना के अचानक बिजली गुल होने से उद्योगों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। क्षेत्र में करीब 200 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें से अधिकांश प्रभावित हुईं।
जितेंद्र नागवानी, सचिव, औद्योगिक संघ, मालनपुर
यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।