AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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मुरैना. अब तक चिटफंड कंपनियों से लोग ठगे जाते थे। अब ऑनलाइन ठगी का शिकार बन रहे हैं। जिले में हर माह 25 से 30 शिकायतें साइबर ठगी की आ रही हैं। एक साल में कुल 300 से अधिक केस आए। इनमें से 30 प्रतिशत केस में पीडि़तों ने समय पर शिकायत दर्ज कराई, इस वजह से ठगों द्वारा खातों से निकाली गई राशि उन्हें वापस मिल गई।
गंभीर बात यह है कि पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा लोगों को सचेत करने के लिए वर्कशॉप, जागरुकता रैलियां, कार्यशालाएं की जा रही हैं। इसके बावजूद मिडिल क्लास फैमिली के लोग ऑनलाइन ठगों के शिकार ज्यादा बन रहे हैं। जब तक वे संबंधित एजेंसी तक जाते हैं देर हो चुकी होती है।
जितेंद्र शर्मा, गायत्री कॉलोनी: मोबाइल पर एसबीआई के नाम पर ऑनलाइन लिंक आई। लिंक खोलते ही ओटीपी आई और क्रेडिट कार्ड से 80 हजार रुपए कट गए। इस राशि से ठगों ने शॉपिंग कर ली। सायबर सेल ने रुपए वापस कराए।
गिर्राज शर्मा, कैलारस: क्रेडिट कार्ड के नाम पर लिंक भेजकर स्वत: ही खाते से अलग-अलग समय पर 2 लाख 17 हजार रुपए निकाल लिए, यह राशि वापस करवा दी।
भगवान सिंह, मुरैना: ठगों ने पीडि़त की नातिनी से कॉल पर कहा कि वर्क फ्रॉम होम का प्रोजेक्ट है, वीडियो डाउनलोड करो। क्यूआर कोड भेजकर 999 रुपए मांगे फिर 90 हजार का ट्रांजेक्शन किया। 70 हजार वापस हो गए शेष प्रक्रिया न्यायालय में लंबित है।
मुन्नालाल आमपुरा: ठगों ने एसबीआई क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर लिंक भेजी। लिंक खोलते ही एक लाख रुपए खाते से कट गए, जो शिकायत करने पर वापस आ गए।
शुभम तिवारी, जौराखुर्द: यूपीआई के माध्यम से 91 हजार रुपए ठगों ने निकाल लिए थे। एनसीआरबी पोर्टल के माध्यम से खाता होल्ड कर दिया। रुपए वापसी की प्रक्रिया कोर्ट में लंबित है।
सतीश सिंह, दिमनी: ठगों ने लिंक भेजकर एक लाख रुपए यूपीआई के माध्यम से ठग लिए। पीडि़त ने तत्काल इसकी सूचना सायबर सेल को दी। खाता होल्ड कराया गया।
जब भी कोई ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होता है, तब शिकायतकर्ता टोल फ्री नंबर-1098 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराता है। इसके बाद एसपी ऑफिस में बनी सायबर सेल में स्थित छह लोगों की टीम ऑनलाइन कंप्लेन को संज्ञान में लेकर संबंधित फ्रॉड द्वारा जिन खातों में राशि ट्रांसफर की जाती है, उन्हें फ्रीज कराती है। इसके बाद अकाउंट फ्रीज करने के बाद सायबर सेल संबंधित अकाउंट से राशि पीडि़तों को लौटाने के लिए न्यायालय में केश दायर करती है, वहां से संबंधित के खाते में राशि लौटाने का दावा किया जाता है।
चिटफंड कंपनी से लेकर ऑनलाइन फ्रॉड तक लोग अक्सर ठगों के जाल में सिर्फ थोड़े से लालच में फंसकर रकम गवा रहे हैं। अगर थोड़ी सी सतर्कता बरतें तो इस तरह के अपराधों को बहुत हद तक रोका जा सकता है।
अभिषेक जादौन, प्रभारी सायबर सेल प्रभारी मुरैना
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Updated on:
14 Dec 2025 06:23 pm
Published on:
14 Dec 2025 06:21 pm


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