AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव के दौरान डेरा डाल दिया। उन्होंने अचूक रणनीति बनाकर एनडीए की बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। चुनाव में 100 बागियों के साथ व्यक्तिगत मीटिंग कर उन्हें मना लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक,अमित शाह के अलावा किसी अन्य की बात बागी नेता सुनने को तैयार ही नहीं थे। कह रहे थे कि शाह आश्वासन देंगे, तभी मानेंगे। तीन दिनों तक अमित शाह मिशन मोड में बागियों का मैनेजमेंट करते रहे, इस दौरान वे किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिए।
एनडीए को एकजुट रखने का काम अपने हाथ में लिया। एलजेपी और जदयू के बीच मनभेद और मतभेद दोनों दूर कराया। चिराग भी नीतीश के समर्थन में पूरी तरह उतर गए। एनडीए में शामिल दलों के वोट एक दूसरे को ट्रांसफर हों, इसके लिए हर विधानसभा में एक कोआर्डिनेश कमेटी भी बनाई। इस कमेटी में सभी दलों के नेता शामिल किए गए। शाह ने मंडलस्तर के कार्यकर्ताओं की खुद बैठकें ली। प्रवासी कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क में रहे और निर्देश दिए। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर मार्गदर्शन के लिए गृहमंत्री शाह एक फोन कॉल पर उपलब्ध रहे।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Updated on:
15 Nov 2025 04:46 pm
Published on:
15 Nov 2025 04:45 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।