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ढूंढ नदी में युवाओं की जान पर भारी मछलियों का लालच

ढूंढ़ नदी में बरसात के दिनों में जलस्तर बढ़ने के बाद भी लोग खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं। गत वर्ष इसी नदी में पानी में डूबने से कई लोगों की जान चली गई थी, लेकिन इसके बावजूद न तो आमजन सतर्क हो रहे हैं और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई देखने को मिल रही है।

बस्सी @ पत्रिका. ढूंढ़ नदी में बरसात के दिनों में जलस्तर बढ़ने के बाद भी लोग खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं। गत वर्ष इसी नदी में पानी में डूबने से कई लोगों की जान चली गई थी, लेकिन इसके बावजूद न तो आमजन सतर्क हो रहे हैं और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई देखने को मिल रही है। ढूंढ़ नदी में कानोता पुलिया से लेकर बांध तक का क्षेत्र इन दिनों तालाब का रूप ले चुका है। यहां काफी गहराई तक पानी भरा हुआ है, जिससे नदी में बड़ी संख्या में मछलियां पैदा हो रही हैं। इन मछलियों को पकड़ने के लालच में न केवल युवा बल्कि छोटे-छोटे बालक भी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

कानोता पुलिया के समीप आए दिन नाबालिग बालक जाल लेकर नदी के गहरे पानी में उतरते देखे जा सकते हैं। ये बालक कम पानी वाले हिस्सों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि गहराई वाले स्थानों में भी मछलियां पकड़ने का प्रयास करते हैं। कई बार वे तेज बहाव और गहरे गड्ढों की परवाह किए बिना नदी में उतर जाते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गौरतलब है कि गत वर्ष इसी पुलिया के समीप मछलियां पकड़ने के दौरान दो युवकों की पानी में डूबने से मौत हो गई थी।

इसके बावजूद न तो ग्रामीणों ने सबक लिया और न ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम किए गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, मछलियां पकड़ने के साथ-साथ ये बालक नदी में तैराकी कर स्नान भी करते नजर आते हैं। बरसात के मौसम में अचानक जलस्तर बढ़ने और फिसलन के कारण खतरा और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में किसी भी समय अप्रिय घटना घट सकती है।

तालाब के रूप में भरा है पानी::::: ढूंढ़ नदी का यह हिस्सा इन दिनों तालाब जैसा नजर आ रहा है। चारों ओर पानी ही पानी होने से लोगों को इसकी गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता है, जिससे डूबने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लोगों का कहना है कि कानोता पुलिया के आसपास मछलियां पकड़ने और नदी में उतरने पर सख्त पाबंदी लगाई जाए। चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और समय-समय पर गश्त की व्यवस्था हो, ताकि भविष्य में किसी मासूम की जान न जाए और किसी बड़े हादसे को रोका जा सके। (कासं )