AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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अजमेर.बड़े पीर की दरगाह-मीठा नीम और तारागढ़ क्षेत्र में हुए अस्थायी अतिक्रमण के खिलाफ वन विभाग ने कार्रवाई की। विभाग की कार्रवाई से अतिक्रमियों में हड़कंपमच गया। विभाग क्षेत्र में गश्त बढ़ाई है। साथ ही स्टाफ को पाबंद किया है।
दरगाह के पीछे तारागढ़ पहाड़ी व वन क्षेत्र की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर दुकान, मकान और अन्य निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बीती 2 अगस्त को 213 दुकानें-झोपडि़यां हटाई। इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी जिला कलक्टर लोकबंधु, जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, वन विभाग को निर्देश दिए थे।
लगने लगीं अस्थायी दुकानें
क्षेत्र में चने-ककड़ी, बिस्किट, नमकीन, पापड़, चाट, गुटखे और अन्य सामग्री की अस्थायी दुकानें लगनी शुरू हो गई। इसको लेकर पत्रिका ने 10 अक्टूबर को ‘बड़े जतन कर हटाया, फिर होने लगे अस्थायी अतिक्रमण’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की।
स्टाफ ने हटाया सामान
पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद स्टाफ मौके पर पहुंचा। यह देख अस्थायी अतिक्रमी भाग गए। वन विभाग की टीम ने टेबल-कुर्सी और अन्य सामान हटाया। विभाग ने स्टाफ को अस्थायी अतिक्रमण पर निगरानी और लगातार गश्त के लिए पाबंद किया है।
तत्काल होना चाहिए यह काम
-लोहे के एंगल-तार लगाकर फेंसिंग
-अतिक्रमण होने पर एफआइआर
-सरकारी जमीन का जारी हो नोटिफिकेशन
-पैदल मार्ग पर बने वन विभाग की चौकियां
-बड़ा पीर-मीठा नीम के आसपास संरक्षित क्षेत्र
अस्थायी दुकानें लगने पर टीम को भेजा गया। साथ ही नियमित गश्त करने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
ख्याति माथुर, सीसीएफ, अजमेर वन मंडल
पढ़ें यह खबर:एसपी व तत्कालीन डीआईजी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई लम्बित
अजमेर। दरगाह थाने के एएसआई को विभागीय कार्रवाई से बचाकर न्यायिक आदेश की पालना नहीें करने के मामले में पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा एवं तत्कालीन डीआईजी ओमप्रकाश के खिलाफ न्यायालय में अवमानना अधिनियम के तहत कार्यवाही लम्बित है। गेगल थाना पुलिस उक्त अधिकारियों को सूचना पत्र तामील करवाने में नाकाम रही। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट नगर(पश्चिम) की अदालत ने रेंज आईजी को उक्त दोनों को सूचना पत्र तामील करवाने एवं पालना रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने को पत्र लिखा है।
एएसआई का आचरण गरिमा पूर्ण नहीं
पत्र में बताया कि एएसआई कानाराम की ओर से न्यायालय में गरिमा पूर्ण आचरण नहीं करने पर उसके खिलाफ उक्त दोनों अधिकारियों को विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा था। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। एसपी ने न्यायालय को सूचित किया कि चूंकि कानाराम ने न्यायालय के संबंध में शिकायत की है और यह रजिस्टार जनरल विजिलेंस, उच्च न्यायालय जोधपुर को भी प्रेषित की गई है। ऐसे में यह परिवाद लंबित होने से एएसआई कानाराम व उप निरीक्षक तेज सिंह के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई प्रारंभ नहीं की जा सकती। इस पर न्यायालय ने एसपी व तत्कालीन डीआईजी के खिलाफ अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर सूचना पत्र गेगल थाना पुलिस को तामील करवाने भिजवाए जो 6 माह बीतने के बावजूद तामील नहीं हो सके।
अत्यंत खेद का विषय
न्यायालय ने पत्र में लिखा है कि यह अत्यंत खेद का विषय है कि पुलिसकर्मी जो पहले गलती करते हैं और पछतावा होने पर न्यायालय में लिखित में क्षमा याचना चाहते हैं। उसके बाद न्यायालय की झूठी शिकायतें करते हैं। इसके प्रमाण पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज कर जब समुचित कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यह रिपोर्ट पेश करते हैं कि चूंकि जिस पुलिसकर्मी के विरुद्ध न्यायालय द्वारा कार्रवाई की अनुशंसा की गई है उसने न्यायालय के विरुद्ध पुलिस विभाग के अधिकारियों के समक्ष न्यायालय की शिकायत की है।
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Published on:
11 Oct 2025 05:26 pm


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