AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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बेंगलूरु
सच्चा जीवन-परिवर्तन किसी बाहरी चमत्कार का परिणाम नहीं होता, बल्कि वह आत्म-जागरण, सत्संग, सद्विचार और निरंतर आत्म-साधना का फल होता है। जीवन में परिवर्तन तभी संभव है जब मनुष्य अपनी भूलों को सहजता से स्वीकार कर सही दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प ले।यह बातें डॉ. वरुण मुनि ने धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य का अंतर्मन ही उसके जीवन की दिशा निर्धारित करता है। यदि मन पवित्र, शांत और संयमित हो तो जीवन स्वयं ही उज्ज्वल हो जाता है। मुनि ने चार बातों पर बल देते कहा कि विचार ही हमारे कर्मों को जन्म देते हैं। अतः शुद्ध विचार अपनाएं और अपवित्र संकल्पों से दूरी बनाएं। अनियंत्रित जीवन दुःख का कारण है, जबकि अनुशासन हर सफल और सुखी जीवन का आधार है। सत्संग मनुष्य के भीतर सोया हुआ विवेक जागृत करता है। जिस घर में सत्संग होता है, वहां कलह और कषाय टिक नहीं सकते।
मुनि ने कहा कि धर्म केवल सुनने की वस्तु नहीं, वह आत्मा में धारण करने का गुण है। जो धर्म को व्यवहार में उतारता है, वही वास्तव में जीवन-परिवर्तन के पथ पर अग्रसर होता है। रूपेश मुनि ने भजन प्रस्तुत कर सभा को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।उप प्रवर्तक पंकज मुनि ने मंगल पाठ प्रदान किया।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Nov 2025 06:19 pm


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