AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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BJP President: राजनीति में अपने फैसलों और प्रयोग से सभी को चौंकाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 2027 में उत्तर प्रदेश में होने वाले सियासी संग्राम की रणनीति बना ली है। संभवतः नए साल यानी 2025 के पहले महीने में इसका असर देखने को मिले। उत्तर प्रदेश में संगठन के नए मुखिया की घोषणा होनी है। हर बार की तरह इस बार भी चर्चा में कई नाम है। दिल्ली से लखनऊ तक अटकलों का बाजार गर्म है। लेकिन यक्ष प्रश्न ये ही है कि आखिर नया बीजेपी अध्यक्ष कौन होगा और वो किस जाति से होगा ? इस पहेली को समझने के लिए सबसे पहले बीजेपी की कार्यशैली को समझना जरूरी है।
अक्सर प्रबल दावेदार और ज्यादा चर्चित चेहरों की बजाए पार्टी राष्ट्रीय और राज्य के समीकरण को ध्यान में रखकर भी फैसला ले लेती है। हरियाणा चुनाव और उत्तरप्रदेश के उपचुनाव में सफलता के पीछे भी यही वजह रही। चुनावों को लेकर पार्टी की कागजों से लेकर ग्राउंड पर वर्किंग इतनी सॉलिड होती है कि बाजार में चर्चा कुछ जबकि परिणाम कुछ और नजर आते हैं। इसी वजह से ‘पार्टी विद डिफरेंस’ का तमगा बीजेपी को हासिल है। बात बीजेपी के नए अध्यक्ष की कर रहे हैं तो नाम कई है जिन पर चर्चा बहुत है।
इनमें केन्द्रीय मंत्री बीएल वर्मा, प्रकाश पाल, बाबूराम निषाद, विद्यासागर सोनकर, विजय बहादुर पाठक, अमरपाल मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, विजय सोनकर शास्त्री।

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव से पहले महेन्द्र पांडे को संगठन चुनाव का पदाधिकारी बनाकर पार्टी ने सूबे में सियासी संदेश देने की कोशिश की। यही कारण रहा कि यहां जो परिणाम आए वो पार्टी के फैसले को सही साबित करते नजर आए। पार्टी 9 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की। वैसे चुनाव अधिकारी का ये पद अस्थाई है क्योंकि संगठन में चुनाव निपटने के बाद इस पद का कोई वजूद नहीं है।
सियासी जानकार मानते हैं कि चूंकि सीएम अगड़ी जाती से है और चुनाव अधिकारी भी अगड़ी जाति से है। ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियों और पिछड़ों को साधने के लिए पार्टी ओबीसी या दलित पर दांव लगा सकती है। ऐसा दिख भी रहा है लेकिन भाजपा का आलाकमान चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाना जाता है। ऐसे में पार्टी उत्तरप्रदेश भाजपा की कमान सौंपने वाले नेता के चयन में भी चौंका सकती है। कयास ये भी लगाए जा रहे है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सूबे की कमान सौंपी जा सकती है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
26 Dec 2024 06:45 pm
Published on:
26 Dec 2024 05:37 pm


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