AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Soldier Disabled Son Life Changing Moment: किस्मत कब बदल जाए, कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के बक्सर जिले के ठेदुआ निवासी दिव्यांग कमलेश चौबे के साथ। सैनिक के बेटे कमलेश, जो सात साल से ट्रेन में भीख मांगकर गुजारा कर रहे थे, की जिंदगी उस समय बदल गई जब उनकी मुलाकात रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन) के वेलफेयर अधिकारी मनोज कुमार सिंह से हुई।
कमलेश के पिता दीनानाथ सेना में नायक पद से 1989 में सेवानिवृत्त हुए और 1990 में डीएससी में भर्ती हुए। 2000 में सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार के हालात बिगड़ने लगे। दीनानाथ के दो बेटे हैं, जिसमें से बड़ा बेटा कमलेश जन्म से दिव्यांग है। कमलेश की शादी 2006 में कर दी गई, लेकिन 2009 में मां और 2014 में पिता का निधन हो गया। छोटे भाई ने खर्च देना बंद कर दिया, जिससे मजबूर होकर कमलेश ने ट्रेन में भीख मांगना शुरू कर दिया।
2023 में पटना-बक्सर ट्रेन में कमलेश की मुलाकात मनोज कुमार सिंह से हुई। जब मनोज ने सुना कि एक सैनिक का दिव्यांग बेटा भीख मांग रहा है, तो उन्होंने इसकी गहराई से पड़ताल की। साक्ष्य जुटाने और तमाम कागजी कार्यवाही के बाद कमलेश की पेंशन मंजूर कराई।
अगस्त 2024 में कमलेश को 15 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई और अब उन्हें हर महीने 21,000 रुपये की पेंशन भी मिल रही है। इस बदलाव ने कमलेश की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। गुरुवार को रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां अधिकारियों ने कमलेश का सम्मान किया और इस पुनीत कार्य के लिए मनोज कुमार सिंह की प्रशंसा की।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
28 Mar 2025 12:36 pm
Published on:
28 Mar 2025 12:35 pm


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