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सिंडिकेट बैंक की स्थापना भगवान श्री कृष्ण की निवास भूमि तटीय कर्नाटक के उडुपि में मात्र 8000/- रुपए की पूंजी से तीन दूरदर्शियों-श्री उपेन्द्र अनंत पै, श्री वामन कुड्वा और डॉ टी.एम.ए. पै द्वारा 20 अक्तूबर 1925 को की गयी थी, जो क्रमश: व्यवसायी, इंजीनियर और डॉक्टर थे तथा सामाजिक कल्याण के प्रति उनमे अडिग आस्था थी । उनका मुख्य उद्देश्य समाज से छोटी बचतों का संग्रह करके स्थानीय बुनकरों को वित्तीय सहायता पहुंचाना था क्योंकि हथकरघा उद्योग में संकट के कारण बुनकरों की स्थिति बदतर हो गई थी। बैंक, सन् 1928 में शुरु की गई पिग्मी जमा योजना के अधीन अपने अभिकर्ताओं के माध्यम से जमाकर्ताओं के घर-घर पहुँच कर प्रतिदिन दो आने की मामूली रकम एकत्रित करता था । यह योजना आज बैंक की ब्रांड ईक्विटी बन गई है और बैंक इस योजना के अधीन प्रति दिन रु.2 करोड़ की राशि संग्रह कर रहा है ।

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