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Harish

हरीश पाराशर : पिछले 35 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में। राजनीतिक, सामाजिक विषयों, अपराध, शिक्षा, आदि विषयों में रूचि। 'राजस्थान पत्रिका' में पिछले डेढ़ दशक से लगातार प्रकाशित हो रहे है कॉलम 'नश्तर' के लेखक। वर्तमान में पत्रिका के डिप्टी एडिटर के रूप में जयपुर में पदस्थापित।

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भ्रष्टाचारियों का सबसे बड़ा आसरा नौकरशाही

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संपादकीय: तंत्र-मंत्र के जाल में फंसने के परिणाम घातक

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आज का भारत तो पुराने भारत का अल्पांश मात्र

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गीता को नए सिरे से अध्ययन में लाना होगा

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संपादकीय: छोटी पहाड़ियों को भी ‘सुरक्षा कवच’ देना जरूरी

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सरकार के दायित्वों की निगरानी व्यवस्था भी हो

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संपादकीय :मतदाता सूचियों में शुचिता से लोकतंत्र की मजबूती

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संपादकीय : डिजिटल प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त कदम जरूरी

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कर्पूर चन्द्र कुलिश जन्म शताब्दी वर्षः चुनावों में कालाधन कहां से

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कर्पूर चन्द्र कुलिश जन्म शताब्दी वर्ष : आयु बढ़ानी है तो बाल भाव को टिकाए रखिए

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मतदाता प्रचण्ड प्रहार करे लोकतंत्र की विकृतियों पर

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कर्पूर चन्द्र कुलिश जन्म शताब्दी वर्षः चुनाव सुधार से पहले राजनीतिक दल सुधरें

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आहार को माध्यम बनाएं भारतीयता के प्रचार का

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कर्पूर चन्द्र कुलिश जन्म शताब्दी वर्ष : इमारतों को लाक्षागृह बनने से बचाना होगा

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कर्पूर चन्द्र कुलिश जन्म शताब्दी वर्ष विशेष : गांधी जी के नाम पर

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सम्पादकीय : रावण दहन ही काफी नहीं, राम से सीखना ज्यादा जरूरी

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सम्पादकीयः अधिक प्रभावी बनाना होगा ड्रोन-रोधी तकनीक को

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शहरों का हुलिया बदलने वाले उद्यम किस काम के

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संपादकीय : अब प्रतिभा पलायन रोकने की दिशा में उठाएं कदम

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संपादकीय : डिजिटल संसार में निजता का हनन चिंताजनक

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