AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जोधपुर.
अनुसूचित जाति व जनजाति मामलात की विशेष मामलात की अदालत के 13 साल पुराने मामले में सात-सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद सभी 16 दोषी फरार हो गए। अधिवक्ता के मार्फत आरोपियों से सम्पर्क का प्रयास किया गया, लेकिन वे कोर्ट नहीं लौटे। उदयमंदिर थाना पुलिस छह दिन तक मामला दबाए रखा। अभी तक कोई आरोपी पकड़ा नहीं जा सका है।
पुलिस के अनुसार एससी-एसटी एक्ट मामलात की विशेष अदालत के रीडर संजय पुरोहित ने ओसियां तहसील के पड़ासला गांव निवासी जगदीशराम पुत्र गोमाराम जाट, हड़मानराम पुत्र भूराराम जाट, चैनाराम पुत्र नाथाराम जाट, जगदीश पुत्र लूम्बाराम जाट, ओमाराम उर्फ ओमप्रकाश पुत्र मानाराम जाट, दीपाराम पुत्र अणदाराम जाट, इमरताराम पुत्र कानाराम जाट, अचलाराम पुत्र किशनाराम जाट, लालाराम पुत्र मंगलाराम जाट, भीखाराम पुत्र भोमाराम जाट, जस्साराम पुत्र किशनाराम जाट, कुंभाराम पुत्र भोमाराम जाट, अशोक पुत्र चोलाराम जाट, पूनाराम पुत्र अचलाराम जाट, चाडी निवासी मांगीलाल पुत्र बाबूराम बिश्नोई और खींवकरण सिंह उर्फ खींयाराम पुत्र डूंगरराम जाट के खिलाफ कोर्ट से फरार होने की एफआइआर दर्ज कराई है। थानाधिकारी सीताराम खोजा का कहना है कि दोषी पकड़े नहीं जा सके हैं। तलाश की जा रही है।
एससी-एसटी मामलात की विशेष अदालत ने तेरह साल पुराने मामले में गत 26 सितम्बर की दोपहर एक बजे सभी 16 आरोपियों को सात-सता साल की सजा सुनाई थी। करीब 1.20 बजे दोषियों को जेल ले जाने के लिए चालानी गार्ड बुलाए गए थे, लेकिन इनके पहुंचने से पहले सभी 16 आरोपी कोर्ट परिसर से भाग गए। जबकि सजा सुनाए जाने के दौरान वे कोर्ट की अभिरक्षा में थे।
दोषियों के फरार होने का पता लगा तो तलाश की गई, लेकिन वे नहीं मिले। आरोपियों के अधिवक्ता बुधाराम चौधरी को बुलाकर मामले से अवगत कराया गया। अधिवक्ता ने आरोपियों से सम्पर्क का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। न ही आरोपी कोर्ट में लौटे थे।
31 जनवरी 2012 की रात पड़ासला गांव में एक बस्ती पर 150-200 लोगों ने हमला कर दिया था। घरों को आग भी लगा दी गई थी। हमले में आधा दर्जन लोगों के चोट आई थी। दहशत फैलाने के लिए फायर करने के आरोप भी लगाए गए थे। पोकरराम ने ओसियां थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने 19 आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया था। सुनवाई के दौरान तीन आरोपियों की मृत्यु हो गई थी।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
03 Oct 2025 12:10 am


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