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लोकायुक्त टीम के सीएमएचओ दफ्तर पहुंचते ही मचा हड़कंप, 30 हजार की घूसखोरी में तीन कर्मचारियों को दबोचा

-शिकायतकर्ता ने कहा-कोर्ट के आदेश के बाद मुझे कर रहे थे 50 हजार रुपए रिश्वत देने के लिए परेशान

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लोकायुक्त टीम के सीएमएचओ दफ्तर पहुंचते ही मचा हड़कंप, 30 हजार की घूसखोरी में तीन कर्मचारियों को दबोचा
लोकायुक्त टीम के सीएमएचओ दफ्तर पहुंचते ही मचा हड़कंप, 30 हजार की घूसखोरी में तीन कर्मचारियों को दबोचा

नर्मदापुरम. सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ जिला नर्सिंग हे्ल्थ ऑफिसर निर्मला खंडवाल की शिकायत के बाद लोकायुक्त की भोपाल से डीएसपी बीके सिंह की नेतृत्व में गुरुवार दोपहर में 9 सदस्यीय टीम जैसे ही गाडिय़ों से उतरकर ऊपर कार्यालय में पहुंची तो कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। टीम सीएमएचओ, लेखापाल और कंप्यूटर कक्ष में फैल गई। जैसे ही शिकायतकर्ता निर्मला खंडवाल लेखापाल महेश कुमार मेवारी के कक्ष में 30 हजार रुपए का लिफाफा लेकर पहुंची। और मेवारी ने जैसे ही अपने साथी कर्मचारी गजेंद्र वर्मा के जरिए लिफाफा लेकर कंप्यूटर कक्ष के ऑपरेटर संतोष नगाइच के पास भेजा। वैसे ही टीम ने इन्हें रंगेहाथ रिश्वत लेते दबोच लिया। टीम ने रुपयों का लिफाफा जब्त किया। और फिर टे्रपिंग की कार्रवाई शुरू की। पहले सैंपल लिए गए फिर कागजी कार्रवाई पूरी की। इस दौरान सीएमएचओ को भी तलब किया गया था। बता दें कि लेखापाल मेवारी ने अपने साथी बाबू और ऑपरेटर के साथ मिलकर नर्सिंग हेल्थ ऑफिसर निर्मला से उनके एरियर्स-समयमान वेतन स्वीकृति और भुगतान को लेकर 50 हजार रुपए की डिमांड की थी। जिसमें से 30 हजार रुपए लेते हुए पकड़ लिए गए।

ये थी शिकायत..

इटारसी निवासी एवं सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ जिला नर्सिंग हे्ल्थ ऑफिसर निर्मला खंडवाल के मुताबिक उनका रिटायरमेंट अगले माह होना है। उनका वर्ष 2009 से अब तक समयमान वेतनमान का साढ़े सात लाख रुपए से अधिक का ड्यू था, लेकिन सीएमएचओ से लेकर स्वास्थ्य संचालनालय में गुहार लगाने के बाद भी स्वीकृति और भुगतान नहीं किए जा रहे थे। मजबूरन उन्हें कोर्ट में जाना पड़ा। दो बार केस लगाया। वकील किए। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई में समयमान वेतनमान स्वीकृति -एरियर्स भुगतान के आदेश दिए। लेकिन इसके बाद भी सीएमएचओ और लेखापाल, सहायक ग्रेड-तीन ने उन्हें भुगतान नहीं किया। इसके बदले उनसे रिश्वत मांगी गई।

ऐसे ली रिश्वत की राशि

आवेदिका निर्मला खंडवाल ने दोपहर में लेखापाल महेश कुमार मेवारी के कक्ष में गई और डिमांड के मुताबिक सफेद रंग के लिफाफे में 30 हजार रुपए जिसमें 500-500 रुपए के 60 नोट रखे थे। रूपयों का यह लिफाफा लेखापाल संतोष मेवारी के कहने पर गजेंद्र वर्मा को दिया। वर्मा ने लिफाफा संतोष नगाइच को आगे बढ़ाया। लेखापाल मेवारी ने गजेंद्र व संतोष को मुझे लेकर कंप्यूटर कक्ष में पहुंचाया। यहां कंप्यूटर कक्ष में समयमान वेतनमान स्वीकृति-एरियर्स के भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई। इसी बीच लोकायुक्त टीम ने इन्हें पकड़ लिया।

टीआई ने सीएमएचओ से कहा-

कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त टीआई आशीष भट्टाचार्य सीएमएचओ डॉ. दिनेश दहलवार से बोले-बहुत हो गया सीएमएचओ साहब...अब बंद करवाओ, मैं शक्ल से किसी को नहीं जानता, लेकिन सबके नाम पता है। दरअसल टे्रपिंग के शुरुआत में सीएमएचओ रिश्वतखोरी की बात को नकार रहे थे। इसलिए उन्हें यह कहना पड़ा।

शिकायत हुई: 17 जुलाई को

-सबूत जुटाए: 18 जुलाई को

-टे्रपिंग की : 20 जुलाई को

.इनका कहना है...

रिश्वतखोरी के उक्त मामले में उक्त तीनों कर्मचारियों की की लिप्तता पाई गई है। रिश्वत लेने के हमारे पास पूरे सबूत हैं। टे्रपिंग के उपरांत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को लोकायुक्त कार्यालय भोपाल पेशी पर तलब किया जाएगा।-आशीष भट्टाचार्य, टीआई लोकायुक्त कार्यालय भोपाल

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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