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फिर सोयाबीन में नाम कमाएगा नर्मदापुरम, तीन साल में बढ़ाया 7 हजार हैक्टेयर रकबा

-इस बार के खरीफ सीजन में धान के रकबे को घटाकर सोयाबीन का रकबा किया 35 हजार हैक्टेयर

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फिर सोयाबीन में नाम कमाएगा नर्मदापुरम, तीन साल में बढ़ाया 7 हजार हैक्टेयर रकबा
फिर सोयाबीन में नाम कमाएगा नर्मदापुरम, तीन साल में बढ़ाया 7 हजार हैक्टेयर रकबा

नर्मदापुरम. जिले में सोयाबीन के ज्यादा उत्पादन के प्रयास किए जा रहे हैं। नर्मदापुरम फिर से सोयाबीन में नाम कमाएगा। तीन साल में रकबे को 28 हजार हैक्टेयर से बढ़ाकर इस बार के खरीफ सीजन में 35 हजार हैक्टेयर किया गया है। किसानों ने सोयाबीन के रोग प्रतिरोधक बीज के उपलब्ध होने से धान के रकबे को घटाकर सोयाबीन के रकबे को बढ़ाया है। बीते तीन साल की ही बात करें तो रकबे में 7 हजार हैक्टेयर की बढ़ोतरी की गई है। इन दिनों बारिश के चलते सोयाबीन की फसल की स्थिति बेहतर है। बढ़वार जारी है। किसानों खेतों में पानी की निकासी के साथ ही फसल की देखभाल में जुटे हुए हैं। बता दें कि बीते पांच साल पहले किसान सोयाबीन का बंपर उत्पादन लेते थे, लेकिन उस समय कीट व्याधि के कारण नुकसान होने से किसानों का मोह सोयाबीन के प्रति कम हो गया था। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि व कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के नए बीज के विकसित करने से अब किसानों का रूझान फिर से सोयाबीन के प्रति जागा है। कृषि विभाग के मुताबिक इस बार बारिश भी अच्छी है इसलिए उत्पादन बेहतर होने की संभावनाएं हैं।

वर्ष 2019 के मुताबिक उत्पादन के लक्ष्य की योजना
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में सोयाबीन का रकबा जिले में 76 हजार 980 हैक्टेयर था। जिसमें 70 हजार 500 मीट्रिक टन का उत्पादन लिया गया था। इसके बाद कीट व्याधि और अतिवृष्टि दोनों की मार के कारण वर्ष 2020 में रकबा घटकर 71 हजार 250 हैक्टेयर एवं उत्पादन भी गिरकर 8 हजार 550 मीट्रिक टन पर आ गया था। किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। वर्ष 2021 से रकबे एवं उत्पादन व उत्पादकता में सुधार आया। वर्ष 2023 से किसानों को कीटरोधी सोयाबीन बीज की किस्में उपलब्ध हुई है। किसानों ने बोवनी भी इसी की है। उम्मीद लगाई गई है कि सोयाबीन का बेहतर उत्पादन होगा।


ये बढ़ा तीन साल में रकबा (हजार हैक्टेयर में)
वर्ष -रकबा -उत्पादन(एमटी में)-उत्पादकता किग्रा/प्रति हैक्टेयर
2021 -28.10 -50.58 -1800
2022 -33.85 -60.92 -1800
2023 -35.00 -66.50 -1900
............................................................................

इनका कहना है...
जिले में सोयाबीन के कीट रोधी बीज उपलब्ध होने से इस बार रकबे को बढ़ाकर 35 हजार हैक्टेयर किया गया है। वर्तमान में फसल की स्थिति बेहतर है। बढ़वार जारी है। मौसम-बारिश भी अनुकूल है। उम्मीद है कि दो साल बाद इस बार के सीजन में ज्यादा उत्पादन होगा। पुराने वर्षों के उत्पादन को फिर से लेने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए -योजना भी तैयार कर रहे हैं।
-जेआर हेडाऊ, उप संचालक कृषि नर्मदापुरम

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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