AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Ramdas Soren: झारखंड सरकार में इस समय चिंता की लहर है। इसका कारण हैं झारखंड सरकार में शिक्षामंत्री रामदास सोरेन। वह शनिवार सुबह अपने आवास के बाथरूम में गिर गए। बताया जा रहा है कि उनके सिर में गंभीर चोट आई है। इससे उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। पहले उन्हें झारखंड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर में खून का थक्का जम गया है। इसके बाद उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया गया। झारखंड सरकार के सूत्रों की मानें तो उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रामदास सोरेन को प्राथमिक इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल ले जाया जा रहा है। इरफान अंसारी ने कहा, "रामदास सोरेन जी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। वे बाथरूम में गिर गए थे, जिससे उनके दिमाग में गंभीर चोट आई है। जांच में पता चला है कि उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया है। इस कारण उन्हें तत्काल बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की योजना बनाई गई है।"
उन्होंने यह भी बताया कि वह लगातार उनके संपर्क में हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बकौल स्वास्थ्य मंत्री चोट लगने के तुरंत बाद रामदास सोरेन को जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एयर एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में स्थानांतरित करने का फैसला लिया। यह भी जानकारी मिली है कि रामदास सोरेन को किडनी से संबंधित गंभीर बीमारी भी है, जिसके कारण उनका इलाज पहले से ही दिल्ली में चल रहा था। इस वजह से परिवार ने भी यह निर्णय लिया कि उन्हें बेहतर इलाज के लिए राजधानी में ही रखा जाए।
रामदास सोरेन झारखंड के उन राजनीतिक नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने राज्य की राजनीति में गहरा प्रभाव डाला है। वे झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे हैं और इस आंदोलन के दौरान उन्होंने जनता के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। रामदास सोरेन का जन्म एक आदिवासी परिवार में हुआ था, और उन्होंने हमेशा आदिवासी समुदाय के हितों के लिए काम किया है।
उनकी राजनीति की शुरुआत झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से हुई थी, जहां वे पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक थे। लेकिन बाद में चंपई सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद, रामदास सोरेन पार्टी के अंदर एक बड़े और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे। भाजपा में शामिल होकर उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आदिवासी कल्याण जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया।
रामदास सोरेन ने झारखंड में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाएं चलाईं, खासकर आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया। उनका मानना है कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। इसके अलावा, वे झारखंड की आदिवासी संस्कृति और अधिकारों के सशक्त संरक्षक भी माने जाते हैं। रामदास सोरेन की राजनीति में आने से लेकर अब तक की यात्रा संघर्षों से भरी रही है, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक विशिष्ट स्थान दिलाया है। वे सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों पर लगातार काम करते रहे हैं और झारखंड की जनता के बीच उनकी अच्छी पकड़ है।
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Published on:
02 Aug 2025 12:19 pm


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